सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून स्थित गुनियाल गांव में निर्माणाधीन सैन्यधाम का निरीक्षण किया। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री ने अधिकारियों को निर्माण कार्य से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को सैन्य धाम के अंतिम चरण के कार्यों दिन रात कार्य कराने तथा सैन्यधाम की भव्यता एवं दिव्यता का विशेष ध्यान देने की भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मंत्री जोशी ने सैन्य धाम के अंतिम चरण के निर्माण कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी भी व्यक्त की।
मीडिया में बात करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट सैन्य धाम जल्द ही प्रदेश की जनता को समर्पित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश के भर के स्मारकों के अध्यन के बाद सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है। जिसमे 1734 शहीद जवानों के आंगन की मिट्टी और प्रदेश की 28 पवित्र नदियों का जल अमर जवान ज्योति के मुख्य स्तंभ में प्रतिस्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में लाईट एण्ड साउण्ड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम टैंक, सैन्य जहाज सहित अन्य सैन्य उपकरण भी रखें जाएंगे।
उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति सम्मान तथा सेना के शौर्य पराक्रम व गौरवशाली इतिहास को संजोकर रखने के उद्देश्य से सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में फिनिसिंग के अंतिम चरण का कार्य गतिमान है। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि हमारे अमर बलिदानियों की शौर्य गाथाओं के प्रतीक उत्तराखंड का पंचमधाम सैन्यधाम वीर नारियों, वीर माताओं और प्रदेश की जनता को समर्पित किया जायेगा। उन्होंने कहा यह धाम निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों को देश भक्ति हेतु प्रेरित करने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर कार्यदायी संस्था पेयजल निगम एमडी रणवीर सिंह चौहान, उपनिदेशक कर्नल एमएस जोधा, उप सचिव निर्मल कुमार, परियोजना निदेशक रवींद्र कुमार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
More Stories
हाम्रो दशैं सांस्कृतिक महोत्सव-2024’ कार्यक्रम में बच्चो को सम्मानित करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
प्रदेश में तीन नए स्थानों यमुनोत्री, गौचर एवं जोशियाड़ा के लिए सहस्त्रधारा हेलीपोर्ट से प्रारम्भ होगी हवाई सेवाः मुख्यमंत्री
28 जनवरी 2025 से 14 फ़रवरी 2025 तक राज्य में आयोजित होंगे राष्ट्रीय खेल, खेल मंत्री रेखा आर्या ने इसे बताया ऐतिहासिक अवसर