उत्तरप्रदेश के बंदायूं के रहने वाले धीरज और तेजपाल कलयुग के श्रवण कुमार बनकर अपनी मां राजेश्वरी को टोकरी में बैठाकर चारधाम यात्रा कराने लाए हैं। दोनों भाई अपनी 55 वर्षीय मां राजेश्वरी को यमुनोत्री की यात्रा करवा चुके हैं और अब उन्हें दूसरे धाम गंगोत्री की यात्रा पर लेकर निकले हैं।
दोनों का कहना है कि मां-बाप बोझ नहीं होते, उनकी सेवा करनी चाहिए। लोग उनसे प्रेरित हों, इस उद्देश्य से उन्होंने यात्रा शुरू की है। 24 वर्षीय धीरज व 18 वर्षीय तेजपाल दोनों भाई पिछले करीब 20-25 सालों से हिमाचल प्रदेश की तहसील बद्दी के मंधाला गांव में रहते हैं। जब वह छोटे थे तो बीमारी के चलते उनके पिता भगवान दास की माैत हो गई थी।
तेजपाल ने बताया कि वह अपने भाई के साथ पिछले कई वर्षों से हरिद्वार में कांवड़ भरने आते रहे हैं। वहां उन्हें हर साल एक व्यक्ति मिलता था जो अपनी मां को कंधे पर उठाकर यात्रा करवाता था। उसी से प्रेरणा लेकर वह भी अपने भाई के साथ मिलकर अपनी मां को चारधाम यात्रा करवाने निकले हैं।
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