देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर इन दिनों सरगर्मियां में तेज है. 2 जुलाई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो वहीं प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत जिसमें की जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के अलावा वार्ड के सदस्यों का निर्वाचन की प्रक्रिया भी नामांकन प्रक्रिया के साथ शुरू हो चुकी है.
बीते रोज जहां उत्तराखंड में बीजेपी ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में महेंद्र भट्ट को नई जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, आज पूरे दिन देहरादून बलबीर रोड मौजूद बीजेपी मुख्यालय पर पंचायत चुनाव के लिए समर्थित प्रत्याशियों की फाइनल सूची को लेकर खूब माथापच्ची की गई.
आखिरकार देर शाम बीजेपी ने पंचायत चुनाव के लिए अपने समर्थित प्रत्याशियों की जिलेवार लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें कई ऐसे प्रत्याशियों को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. जो पार्टी के लिए मेहनत कर रहे थे.
बता दें कि उत्तराखंड में पहले चरण में 24 जुलाई और दूसरे चरण में 28 जुलाई को वोटिंग होगी. वहीं, आगामी 31 जुलाई को एक साथ वोटों की गिनती की जाएगी. ऐसे में गांव की सरकार बनाने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है.
इससे पहले पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर तिथियों का ऐलान कर दिया गया था, लेकिन आरक्षण के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी. जिसकी वजह से राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा.
वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के स्टे हटने के बाद फिर से चुनाव की तिथियों की घोषणा की गई है. जिसके लिए 2 जुलाई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जो 5 जुलाई तक शाम 4 बजे जारी रहेगी.
आगामी 7 जुलाई से 9 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. 10 और 11 जुलाई को सुबह 10 बजे से शाम 4 तक नाम वापसी की तिथि रखी गई है. इस बार दो चरणों में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव होंगे.
वहीं, 14 जुलाई को पहले चरण के चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा. जबकि, 24 जुलाई पहले चरण का मतदान को होगा. इसी तरह 18 जुलाई को दूसरे चरण के चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा. जबकि, 28 जुलाई को दूसरे चरण का मतदान होगा.
उत्तराखंड के 12 जिलों में 66,418 पदों पर चुनाव होने हैं. इसमें सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पद, प्रधान ग्राम पंचायत के 7,499 पद, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 2,974 पद और सदस्य जिला पंचायत के 358 पदों पर चुनाव होंगे.
हरिद्वार जिला को छोड़ प्रदेश के 66,418 पदों पर चुनाव होने हैं, जिसके लिए पूरे प्रदेश में 8,276 मतदान केंद्र और 10,529 मतदान स्थल बनाए गए हैं.
उत्तराखंड के 12 जिलों में वोटरों की संख्या 4,777,072 है. इनमें 2,465,702 पुरुष और 2,310,996 महिला वोटर हैं. इसके अलावा 374 अन्य वोटर भी शामिल हैं.
साल 2019 के मुकाबले इस साल यानी 2025 में वोटरों की संख्या में करीब 10.57 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. यानी 4,56,793 वोटर बढ़े हैं. लिहाजा, ये वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य तय करेंगे.
वहीं, पंचायत चुनाव को लेकर पोस्ट के अनुसार मतपत्रों का रंग भी तय किया गया है. इसके तहत ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सफेद रंग, प्रधान के लिए हरा रंग का मतपत्र तय किया गया है.
इसी तरह से क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नीला रंग का मतपत्र होगा. जबकि, जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र तय किया गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग से की मानें तो वोटिंग और काउंटिंग के लिए 95,909 अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी. इसके तहत मतदान स्थल पर पीठासीन अधिकारियों के रूप में 11,849 कर्मचारी, मतदान स्थल पर मतदान अधिकारियों के रूप में 47,910 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे.
इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट/जोनल मजिस्ट्रेट/नोडल अधिकारी/ प्रभारी अधिकारियों के रूप में 450 अधिकारी तैनात होंगे. वहीं, मतदान स्थलों पर 35,700 सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती की जाएगी.
पंचायत चुनाव के लिए 5,620 वाहन लगाए जाएंगे. इसमें 3,342 हल्के वाहन और 2,278 भारी वाहनों को शामिल किया जाएगा. पंचायत चुनाव में 55 सामान्य प्रेक्षकों और 12 आरक्षित प्रेक्षकों की भी तैनाती की जाएगी. इस तरह से 67 प्रेक्षक तैनात होंगे.
पहले चरण में कुमाऊं और गढ़वाल के मिलाकर 49 ब्लॉकों में चुनाव होंगे. जिसमें कुमाऊं के 23 और गढ़वाल के 26 विकासखंडों में वोटिंग होगी.
वहीं, दूसरे चरण में 28 जुलाई को उत्तराखंड के 40 ब्लॉकों में चुनाव होगा. जिसमें कुमाऊं के 18 और गढ़वाल के 22 विकासखंडों में वोटिंग होगी.
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